Sunday, January 06, 2013

करवटें


मैंने ज़िन्दगी को करवट लेते हुए देखा है
लोगों को रंग बदलते हुए देखा है

अपने घरों और मौज में सब छुप  गए है
जब हम जीते है तो वोह ताने देते है

हम अपने आँसू को खून बनाए हैं
और हाथों को फौलाद बनाए हैं

लोग आये और कुछ गए  यहाँ से
कुछ तो मस्ती किये और कुछ दुत्कारे

हमने पथारों से जीवन के दिये जलाए है
और अपने रातों को उजाला किए है

दुनियावालों, ना टोको हमें, न रोको हमें
हम वोह उन्चाइयां छू गए जहाँ खुदा है




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